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अप्रैल 12, 2013

दिल का हाल सुनाओ तो सही

सूरज डूबेगा तो रात भी हो जायेगी ,

बाजी लगेगी तो मात भी हो जायेगी ,

धीरज खाना महज भूल है बड़ी

प्यार होगा तो मुलाक़ात भी हो जायेगी|

मुझे ज़िंदगी का फटा कफ़न सी लेने दो,

न बहलाओ उन्ही की आस पे जी लेने दो,

पीऊँगा न कल एक भी घूँट तुम्हारी ही कसम,

मगर आज तो जी भर के पी लेने दो|

आकर पास ज़रा, आँख मिलाओ तो सही,

दिल की बात को ओठों पे लाओं तो सही,

मालूम नहीं है पर मेरे दिल का हाल,

न हो, अपने दिल का हाल सुनाओ तो सही|

– ‘जगत्प्रसाद ‘सारस्वत