आर के लक्ष्मण ने दशकों तक हिन्दुस्तान को प्रभावित करने वाले सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों को अपने कार्टूनों के जरिये इस तरीके से उभारा कि मुद्दों को हास्य और व्यंग्य के तरीके से समझने की एक परम्परा ने लोगों के अंदर अपनी पकड़ बनाई| उनके कार्टूनों के शिकार बने नेता भी उनके कार्टूनों का उसी बेसब्री से इंतजार किया करते थे जैसा कि आम पाठक किया करता था|
अब आर के लक्ष्मण नहीं रहे और अब “You Said It” में नये कार्टून स्थान नहीं पायेंगे|
उनके कार्टूनों की विरासत से अनभिज्ञ पीढ़ी शायद उस जीनियस परम्परा को नहीं जान पायेगी जो आर के लक्ष्मण उन्होंने शुरू की थी|