मैं अपने मेट्रोपॉलिटन शहर की भीड़ भरी सड़कों पर
पार्टी मनाने के लिए अपने सहेली के साथ निकल पड़ी,
वे बड़ी संख्या में आए और हमारे शरीर का उत्पीडन किया|
लेकिन अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो हम स्त्रियों की स्वयं की है!
सो,
अगली बार मैं डिस्कोथेक में गयी,
जहां सुरक्षा का पूरा प्रबंध था और बाउंसर्स तैनात थे,
वे अंदर घुस आए और मुझे पीटने लगे और उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए|
लेकिन मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो मेरी अपनी है!
सो,
जब मैं फ़िल्म देखने गयी तो अपने साथ अपने पुरुष मित्र को ले गयी,
उन्होंने मुझे एक बस में धकेल दिया और
मेरे गुप्तांगों में लोहे की छड़ घुसेड़ दी|
लेकिन मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो मेरी अपनी ही है!
सो,
एक अच्छे से सलवार कमीज से अपने तन को पूरी तरह से ढककर
मैं अपने कालेज गई,
एक कोने में उन्होंने मुझे पकड़ लिया
और मेरे नितंबों को दबोचने लगे|
लेकिन मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो मेरी स्वयं की ही है!
सो,
मैंने अपने घर के आरामदायक माहौल में ही ठहरना तय किया,
वे मेरे घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए,
और मुझे बांधकर मुझे विवश किया कि मैं उनके कहे अनुसार करती रहूँ,
और उन्होंने मेरी विवश हरकतों को वीडियो में कैद कर लिया|
लेकिन मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी तो मेरी स्वयं की है!
सो,
मैं वापिस अपने परिवार के साथ रहने चली गई,
ताकि मैं सुरक्षित महसूस कर सकूँ|
वे सब मेरे रिश्तेदार थे,
लेकिन उन्होंने मुझे अपनी भतीजी के रूप में नहीं देखा,
और उन्होंने मुझे निर्वस्त्र करके वह सब किया जो वे करना चाहते थे|
लेकिन मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी स्वयं की है!
सो,
आजकल मैं बाथरूम में बैठी रहती हूँ, दरवाजा बन्द करके, और कहीं बाहर नहीं जाती|
वे मेरे बाथरूम के सामने पड़ने वाली बालकनी में खड़े रहते हैं,
ताकि बाथरूम की खिड़की से अंदर झाँक सकें,
लेकिन मैं स्नान नहीं करती,
क्योंकि मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी अपनी ही है!
अब उन्होंने मुझे उस स्थिति में पहुंचा दिया है
जिसमें वे मुझे हमेशा से देखना चाहते थे,
टूटे आत्मविश्वास वाली,
अपने अधिकारों के लिए संघर्ष न कर पाने वाली,
दृढ़ निश्चय से कोसों दूर रहने वाली,
उनकी दया पर आश्रित,
बाथरूम में बन्द,
उस घड़ी के इंतजार में डरी-सहमी,
जब वे आकर दरवाजा खटखटाएंगें,
मुझे पाने के लिए|
मैं वह भारतीय स्त्री हूँ,
जो खेलों में चमकदार प्रदर्शन कर सकती है,
देश के लिए मेडल्स जीत कर ला सकती है,
आर्मी में भर्ती हो सकती है,
सीईओ बन सकती है,
स्पेस में जा सकती है,
और संसार भर में चर्चित हो सकती है…
लेकिन शर्त सिर्फ यह कि
अगर मैं इस बाथरूम से बाहर निकल सकूं|
लेकिन मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी ही है!
सो…|
वैधानिक सवाल : छोटे कपड़े पहनने वाली और पार्टी में जाने वाली और ड्रिंक करने वाली लडकियां पश्चिमी सभ्यता की नक़ल कर रही हैं| जो लड़के इन लड़कियों का यौन- उत्पीडन कर रहे हैं, भारतीय सभ्यता का पालन कर रहे हैं?
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