Paulo Coelho तुम्हे पढकर

कहीं जब कोई शब्द paulo

वाक्य के सरल प्रवाह में बहकर

आँखों से ह्रदय में जाकर

फिर मन को हल्का कर देता है!

और-

कहीं कोई शब्द

वाक्य के सरल प्रवाह में बहकर

आँखों से ह्रदय में जाकर

फिर मन को भारी कर देता है!

शब्दों की सरलता

जो कभी मन को कर देती है हल्का

और कभी कर देती है भारी

मन-प्राण को कहीं छू-कर, सहला कर

कहीं किसी कृत्रिमता को पिघला देती है

और यह पिघला द्रव

कहीं आसुंओं के साथ धो देता है, मन को

और इसे कर देता है,

निर्मल और स्वच्छ!

Yugalsign1

टिप्पणी करे