की सार्थकता
क्या यह नहीं है
कि
टिकी है
एक पूरी दीवार
वर्तमान की,
उसके ऊपर
Life creates Art and Art reciprocates by refining the Life
हर कोई कला को समझना चाहता है। चिड़िया के गाये गीत को समझने की चेष्टा क्यों नहीं करते? पेंटिंग के मामले में लोगों को समझना होता है... पर क्यों?
वे लोग जो चित्रों की व्याख्या करना चाहते हैं सरासर गलती पर होते हैं।
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की सार्थकता
क्या यह नहीं है
कि
टिकी है
एक पूरी दीवार
वर्तमान की,
उसके ऊपर
Posted on नवम्बर 27, 2013 at 1:40 अपराह्न in कविता, युगल, रचनाकार | RSS feed | प्रतिक्रिया | Trackback URL
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